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स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती के उपलक्ष्य में यज्ञ का आयोजन
डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय में हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती
डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद द्वारा स्वामी दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। गौरतलब है कि भारत सर्वकार द्वारा आगामी 2 वर्षों के लिए स्वामी दयानंद सरस्वती से संबंधित अनेक आयोजनों का प्रारूप तैयार किया है। इसी कड़ी में महाविद्यालय में अनेक आयोजन किये जा रहे हैं। आज महाविद्यालय में यज्ञ का आयोजन किया गया। 14 फरवरी को संस्कृत विभाग द्वारा खंड स्तरीय निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन रखा गया है। इस अवसर पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ सविता भगत ने बताया कि स्वामी दयानंद का इस धरा पर आविर्भाव उस समय हुआ जिस समय भारत गुलामी,अंधविश्वास,छुआछूत, जातिगत भेदभाव,बाल-विवाह,सतिप्रथा आदि अनेक कुरीतियों की बेड़ियों में जकड़ा हुआ था। स्वामी जी ने इन कुरीतियों का पुरजोर खंडन किया और देश को एक नई दिशा प्रदान की। आज के युवाओं को उनके विचारों से अवगत होने की अत्यधिक आवश्यकता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। उनके कार्यों से प्रभावित होकर ही उनके अनुयायियों ने सन 1886 में डी ए वी प्रबंधकर्तृ समिति की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान की। आज देश तथा विदेशों में इनकी लगभग 900 संस्थाएं शैक्षिक क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं। इनके प्रयासों से ही आज की नारी शिक्षित हो अपने पैरों पर खड़ी हो सकी है। आर्य समाज की स्थापना कर बाह्याडम्बरों का खंडन किया तथा पाप खण्डिनी वेद पताका फहराकर इन्होंने वेदों के पठन पाठन पर बल दिया। यदि वर्तमान समय में इनके विचारों एवं सिद्धांतों को अपना लिया जाए तो सम्पूर्ण रूप से समाज की उन्नति और विकास संभव है। हमारा महाविद्यालय भी छात्रों को जागरूक करने तथा आर्य समाज के सिद्धांतों को आदर्श रूप से प्रतिष्ठित करने में अग्रसर है। इस अवसर पर यज्ञाचार्य डॉ अमित शर्मा,डॉ मीनाक्षी हुड्डा,डॉ अंकिता मोहिंद्रा, डॉ प्रियंका अंगिरस,मैडम कुमुद शर्मा,मैडम उत्तमा पांडेय,मैडम वंदना,मैडम निशा अग्निहोत्री,मैडम मीनाक्षी आहूजा आदि तथा महेश चंद,संजीत,रवि धीमान आदि उपस्तिथ रहे।