-

पर्यटन विभाग के विद्यार्थियों द्वारा उत्तर – पूर्वी राज्यों का भ्रमण

डी. ए. वी. शताब्दी कॉलेज फरीदाबाद के पर्यटन विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए असम और मेघालय राज्यों की यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा का मुख्य उद्देश्य पर्यटन विभाग के छात्र - छात्राओं को असम तथा मेघालय राज्यों की प्राकृतिक,सांस्कृतिक विरासत और धरोहर के बारे में अवगत करवाना था।
इस यात्रा के दौरान विद्यार्थियों ने गुवाहाटी, चेरापूंजी, शिलोंग जैसे प्राकृतिक सुंदरता से जुड़े स्थलों का भ्रमण कर जानकारी हासिल की | भारत देश के उत्तर - पूर्व में स्थित इन राज्यों की प्राकृतिक सुंदरता अद्भुत है, और इन राज्यों की सुंदरता को बढ़ाने में नदियां, जल - प्रपात, झरने, खूबसूरत वादियां, घाटियां, गुफाएं, ऊंचे - ऊंचे पर्वत, और वनस्पति जगत से जुड़े बेहतरीन पेड़ - पौधे और वन्य जीव - जंतु मुख्य हैं। मेघालय भारत का एक ऐसा राज्य है जिसमें देश की सर्वाधिक बरसात वालें क्षेत्र हैं, और वहां साल के कई महीनों में लगातार बरसात होती रहती है।
कॉलेज प्राचार्या डॉ. सविता भगत जी ने बताया की भारत में टूरिज्म को बढ़ावा दे कर रोजगार के साथ - साथ देश की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया जा सकता है और कॉलेज के पर्यटन विभाग के विद्यार्थियों को समय समय पर देश के विभिन्न स्थलों की यात्रा करवा कर उन्हें देश के इन हिस्सों से रु-ब-रु करवाया जाता है।
पर्यटन विभागाद्यक्ष श्री. अमित कुमार ने बताया कि विद्यार्थियों ने इस यात्रा के दौरान मेघालय व असम के विभिन्न प्राकृतिक सुंदरता से लबालब स्थलों का भ्रमण कर परियोजना यात्रा रिपोर्ट तैयार की जो पर्यटन कोर्स का मुख्य हिस्सा है | ये परियोजना यात्रा रिपोर्ट, अनुसंधान कार्यों द्वारा तैयार की जाती है, जिसको विद्यार्थियों ने प्रश्नावली प्रारूप की मदद से तैयार करवाया। उन्होंने ये भी बताया कि, विद्यार्थियों ने यात्रा के दौरान कई साहसिक गतिविधियों को भी अंजाम दिया, जिनमें कैंप नाइट, ट्रैकिंग, नाईट सफारी, माउंटेनियरिंग, स्पीड बोटिंग और एक्सपीडिशन मुख्यत: शामिल रही। इसके साथ - साथ विद्यार्थियों ने ब्रह्मपुत्र नदी पर क्रूज राइड का भी मजा लिया। ये अपने आप में एक अद्भुत अहसास था, जो उनके मन - मस्तिष्क में ताउम्र मौजूद रहेगा। इसके अलावा सोहरा गांव में जबरदस्त व कड़कड़ाती ठंड में इस पूरे दल ने तारों से सजी खुली रात में आसमान के नीचे कैंप्स में 02 रातें गुजारी, जो सबके लिए अविस्मरणीय लम्हों के तौर पर यादों की डायरी में मौजूद रहेंगे।
विद्यार्थियों ने यात्रा के दौरान दोनों राज्यों से जुड़े अनेकों दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया, जिनमें असम राज्य से स्तिथ कामख्या देवी मंदिर, पीकॉक आइलैंड, पलटन बाजार और मेघालय राज्य में स्थित- उमियम झील, मावसई गुफा, नोहकलिकाइ जल - प्रपात, डबल डेकर लिविंग रूट ब्रिज (जो जड़ों के उलझाव के कारण बनाई गया है), मौलिन्नोंग(एशिया महाद्वीप का सबसे साफ व स्वच्छ गांव), डेन्थलेन जलप्रपात, अरवाह गुफा, इको - पार्क, स्वामी विवेकानंद संग्रहालय प्रमुख थे। इस यात्रा को दिल्ली से ट्रेन की यात्रा द्वारा शुरू किया गया, इस सफर को पूरा करने में लगभग 34 घंटे लगे और कामख्या जंक्शन पर ट्रेन का सफर खत्म हुआ। इसके बाद कॉलेज के पर्यटन विभाग द्वारा पहले से ही निवास स्थानों, भोजन व स्थानीय परिवहन को अग्रिम तौर पर ही बुक कर दिया गया था।
ये यात्रा विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक ज्ञान से परिपूर्ण थी, जिसने विद्यार्थियों को ये सिखाया कि पर्यटन क्षेत्र में कैसे चीजों को सुव्यवस्थित तरीके से सजा कर कैसे उत्पाद के रूप में बाजार में बेचा जा सकता है।
इस यात्रा के दौरान लगभग 36 विद्यार्थी और 04 प्राध्यापक मुख्य तौर पर टीम का हिस्सा रहे, जिनमें प्रो. मंजीत सिंह, मैडम स्नेह लता, मैडम रविंद्र कौर थे।