सम्पूर्ण चराचर की मंगल कामना के लिए हुआ मासिक यज्ञ का आयोजन :डॉ अमित शर्मा डी ए वी शताब्दी महाविद्यालय फरीदाबाद की आर्य समाज इकाई द्वारा सभी की मंगल कामना के लिए मासिक यज्ञ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉ सविता भगत ने सम्पूर्ण चराचर की मंगल कामना के लिए यज्ञ में आहुति डाली। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यज्ञ' का अर्थ आग में घी डालकर मंत्र पढ़ना नहीं होता। यज्ञ का अर्थ है- शुभ कर्म। श्रेष्ठ कर्म। सत्कर्म। वेदसम्मत कर्म। सकारात्मक भाव से ईश्वर-प्रकृति तत्वों से किए गए आह्वान से जीवन की प्रत्येक इच्छा पूरी होती है। मांगो, विश्वास करो और फिर पा लो। यही है यज्ञ का रहस्य। वेद में भी यही प्रार्थना की गई है कि हे ईश्वर, हमारे सारे दुर्गुणों को दूर कर दो और जो अच्छे गुण, कर्म और स्वभाव हैं, वे हमें प्रदान करो। प्राणियों की उत्पत्ति एवं पोषण का कारण अन्न है। पृथ्वी में स्थित खनिज सम्पत्ति पोषक अन्न का रूप तभी लेती है जब जल वृष्टि होती है। वर्षा के बिना न तो वनस्पति जीवन की वृद्धि होगी और न पशुओं का जीवन ही सम्भव होगा। यज्ञ के फलस्वरूप वर्षा होती है तथा यज्ञ का सम्पादन मनुष्य के कर्मों द्वारा होता है। इसलिए प्रत्येक गृहस्थ को प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिए। संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ अमित शर्मा ने यज्ञब्रह्म का पद अलंकृत किया। इस अवसर पर डॉ मीनाक्षी हुड्डा, मैडम वंदना,डॉ रेखा मैत्रा,मैडम आरती,मैडम स्नेहलता आदि तथा गैर शिक्षक कर्मचारियों में रवि धीमान,गुलशन शर्मा, सुनील शर्मा,प्रवीण कुमार, लल्लन प्रसाद, सुनील कुमार,रविन्द्र सिंह आदि उपस्तिथ रहे। यज्ञ के उपरांत शिक्षकों, कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों को ऋषि प्रसाद भी वितरित किया गया।