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15 दिवसीय वृक्षारोपण

आजादी के ७५वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जा रहे 15 दिवसीय वृक्षारोपण की मुहिम  का अत्यंत जोश और उत्साह के साथ महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय तथा उससे जुड़े समस्त महाविद्यालयों में सुचारू रूप से पालन किया गया। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक के निर्देशानुसार 14 जुलाई से 28 जुलाई तक 15 दिवसीय वृक्षारोपण अभियान के चलते डी. ए. वी. शताब्दी महाविद्यालय ने फरीदाबाद के विभिन्न स्थानों पर 500 से अधिक पौधे लगाए। महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय ने अपने प्रांगण के साथ-साथ समस्त संबंधित महाविद्यालयों के प्रांगण में भी स्वच्छ और हरा भरा वातावरण बनाए रखने के लिए यह मुहिम नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर, डीएवी शताब्दी महाविद्यालय ने शुरू की है। वृक्षारोपण पखवाड़ा के माध्यम से वातावरण को स्वस्थ बनाए रखने और प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण प्रदान करने का वचन लिया गया। धरती पर जीवन को सद्गति प्रदान करने के लिए पर्यावरण के अतुलनीय योगदान को पुनः स्मरण दिलाने हेतु शिक्षण संस्थाओं के द्वारा इस महत्वपूर्ण अभियान में हिस्सा लिया गया। वृक्षारोपण के इस अभियान का शुभारंभ महाविद्यालय के नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर की इंचार्ज एवं YRC काउन्सिलर डॉ विजयवंती एवं डॉक्टर अर्चना भाटिया incharge SFS के कर कमलों से  पौधे लगाकर ‌किया गया। गत 15 दिनों से महाविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षकों और छात्र छात्राओं के द्वारा अत्यंत तन्मयता के साथ वृक्षारोपण किया गया। इस अभियान में महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत के द्वारा भी वृक्षारोपण किया गया। इस कार्यक्रम की सफलता में महाविद्यालय के नेचर इंटरप्रेटेशन सेंटर की सहायक प्रभारी प्रियंका अंगरिश, एनसीसी गर्ल्स विंग की कैप्टन सुनीता डूडेजा और एनएसएस विंग के इंचार्ज डॉ जितेंद्र ढुल और मिस कविता शर्मा, दिनेश चौधरी, पंकज शर्मा एवं अंकिता मोहिंद्रा और NCC  इंचार्ज इ० एच्० अंसारी जी  का विशेष रूप से योगदान रहा। महाविद्यालय की विभिन्न विभागों से सभी सीनियर शिक्षकों और  गैर शिक्षण कर्मचारियों मे राम कुमार जी, दयानन्द, विशाल, अनिल कुमार जी ने गौतम भड़ाना, सोनू, कशिश, सुमित, अमन, अमित व बहुत से विभिन्न विभाग के छात्रों के साथ बढ़-चढ़कर इस कार्यक्रम में भाग लिया। इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में महाविद्यालय में कार्यरत माली , हरिओम गजानंद लवलेश कुमार, कैलाश व धर्मेंद्र ने सराहनीय भूमिका निभाई।