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शिक्षक – विद्यार्थी विनियम कार्यक्रम

आज दिनांक ------ को डी. ए. वी. शताब्दी महाविद्यालय के पर्यटन विभाग द्वारा ' शिक्षक - विद्यार्थी विनियम कार्यक्रम ' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विभाग के लगभग 40 विद्यार्थियों ने अपनी उपस्तिथि दर्ज करवाई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को एक अलग परिवेश से परिचित करवाना था। इस कार्यक्रम में गवर्नमेंट कॉलेज, फरीदाबाद के प्राध्यापक श्री. केशव को डी. ए. वी. कॉलेज के विद्यार्थियों को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया। इस प्रक्रम को जारी रखते हुए डी. ए. वी. कॉलेज के प्राध्यापक व विभागाध्यक्ष अमित कुमार को गवर्नमेंट कॉलेज के विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए आमंत्रण भेजा गया। ये सारा कार्यक्रम ऑनलाइन प्रणाली के जरिए पूरा किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बिंदु विद्यार्थियों के मानसिक व बौद्धिक स्तर का विकास करना था। इस दौरान गवर्नमेंट कॉलेज के प्राध्यापक केशव जी ने विद्यार्थियों को उनके भविष्य से जुड़े व्यवसाय क्षेत्रों से अवगत करवाया। उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि पर्यटन कॉर्स की समाप्ति पर विद्यार्थियों के लिए अनेकों ऐसे क्षेत्र होंगे जिसमे वो अपना भविष्य संवार सकते हैं। उन्होंने अपने व्यकतव्य में संचार कौशल की वृद्धि पर भी जोर दिया। इसी कड़ी में जुड़े प्रोफेसर अमित कुमार ने गवर्नमेंट कॉलेज की छात्राओं को व्यक्तित्व विकास की वृद्धि से जुड़े सूत्रों के बारे में बताया। प्रोफेसर कुमार ने बताया कि व्यक्तित्व विकास की वृद्धि के लिए आत्मविश्वास का स्तर भी ऊंचा रखना होता है। इसके साथ साथ उन्होंने छात्राओं को समझाया कि इन सब मूल्यों को बढ़ाने के लिए व्यक्तित्व से जुड़े उन विषयों को भी समझना होगा जो हमें नकारात्मक दिशा में ले जाते हैं। और इन बिंदुओं को दूर कर के सकारात्मकता की तरफ बढ़ना होगा, तभी जीवन में सफलता प्राप्त हो सकती है। डी. ए. वी. शताब्दी कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. सविता भगत जी ने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा उठाया गया ये कदम बड़ा ही प्रशंसनीय है व ऐसे कार्यक्रम शैक्षिक जीवन की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इस सारे कार्यक्रम का संचालन प्रो. मंजीत सिंह ने इंटरनेट संचार के माध्यम से किया। इस दौरान विभाग से जुड़े अन्य प्राध्यापक भी मौजूद रहे, जिनमें डॉ. नीरज सिंह, डॉ. रश्मि रतूड़ी, डॉ. निशा सिंह, अंकिता मोहिंद्रा, मीनाक्षी कौशिक प्रमुख थे।